Resistor एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक Component है, जो करंट के बहने की स्पीड को कम करता है। Resistor को हिंदी में प्रतिरोधक कहा जाता है। यह इलेक्ट्रिकल का ऐसा Component है, जिसकी मदद से हम करंट को कंट्रोल कर सकते है, या करंट को कम कर सकते है।
Resistor का Use दुनिया के सभी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में होता है।
Real Shape Of Resistor :–
Resistor Definition:- Resistor is an electrical component. That limits or regulates the flow of electrical current in an electronic circuit.
- Resistor को 12 ओह्म (om) में नापा जाता हैं।
- रजिस्टेन्स को “R” या “E” से Denote किया जाता हैं।
- Resistance और Ohm में अंतर-यह दोनो एक ही चीज़ है, बस हम रेजिस्टेंस की वैल्यू को Ohm में लिखते है।
Symbol of Resistor :–
Wattage of Resistor :- Color Band ( Patti ) के Resistors साइज के According अधिकतम 5 Type की होती है, जिसे Watt में काउंट की जाती है। और इसकी Maximum साइज 4 Watt है।
- 1/4 Watt
- 1/2 Watt
- 1 watt
- 2 watt
- 4 watt
Resistor Types ( रेसिस्टर के प्रकार )
Resistor दो प्रकार के होते है।
1. Fix resistor (फिक्स रेसिस्टर)
2. Variable Resistor (वेरिएबल रेसिस्टर)
1) Fix resistor (फिक्स रेसिस्टर) :–
इस प्रकार के रेसिस्टर में हम Resistance की वैल्यू को कम ज्यादा नही कर सकते है।
Real Shape Of Fixed Resistor :–
Fix Resistor की वैल्यू को कैसे पता करते है?
इसके लिए हमारे पास दो तरीक़े होते है।
- Multimeter की सहायता से ।
- Resistor के ऊपर बने Color Code की मदद से।
1) Multimeter की सहायता से:–
मल्टीमीटर से Resistance की वैल्यू को निकालना काफी आसान है, इसके लिए आपको सिर्फ multi-meter को Ohm(52) पर सेट करना है। और दोनो मल्टीमीटर की लीड को रेसिस्टर से जोड़ देना है।
2) Resistor के ऊपर बने color code की मदद से:–
- Resistor पर कवर पट्टी की संख्या 3, 4, 5, या 6 होती है जिसे Colur Band कहते है।
- Color Band को 1st, 2nd, 3rd and 4th, 5th Band के नाम से जानते है, और इसी Co
- के हेल्प से फिक्स Resistor का Value को निकालते है।
Tips for reading resistor code
- Resistor का वैल्यू को जानने के लिए हमे Resistor color Chart को समझना पड़ता है
- Resistor color Chart भी Color band के जैसा ही 4th band, 5th Band and 6th में मिलता है।
- इसके अलावा पहला बैंड आमतौर पर एक लीड के सबसे करीब होता है।
- एक Gold या • Silver का बैंड हमेशा आखिरी बैंड होता है, Tolerance (सहनशीलता) .
- चार बैंड Color code सबसे आम है, और सबसे ज्यादा मिलता है।
- चार बैंड Resistor में Resistance मान के लिए दो बैंड होते हैं, एक गुणक और एक
- Tolerance बैंड है।
4th Band Resistor Color Code Chart.
3- बैंड Resistor के Color कोड के लिए :–
पहले दो बैंड हमेशा Resistor Value के पहले दो अंकों को Show करते हैं जबकि तीसरा बैंड Multiplier है First two digits of the resistance value.
A: 1st Band 1st Significant Digits (पहला महत्वपूर्ण अंक)
B: 2nd Band – 2nd Significant Digit (दूसरा महत्वपूर्ण अंक)
C: 3rd Band – Multiplier (गुणक)
तीन बैंड के रेसिस्टर में टॉलरेंस 20% तक होता है।
AB X C +- 20 %
4 Band Color Resistor Code :–
4 – Band Resistor Color Code सबसे अधिक इस्तेमाल किया जानेवाला Resistor है। 3 Band Resistor के समान, पहले दो बैंड हमेसा Resistor Value के पहले 2 अंक देते हैं। तीसरा बैंड Multiplier को Show करता है जबकि चौथा बैंड Tolerance को Show करता है।
AB X C +- D %
5 Band Resistor Color Code :–
5 बैंड Resistor High Precision (उच्च परिशुद्धता) वाले Resistor है, और उनके पास तीसरे Impotent अंक के लिए भी अतिरिक्त बैंड है।
ABC X D +- E %
6 Band Color Code :–
एक 6 बैंड रोखने वाली अनिवार्य रूप से एक Extra Ring के साथ 5 बैंड Resistor है जो Temperature Coefficient Show करता है।
वह छठे बैंड के लिए सबसे आम रंग भूरा (Brown) है, जिसका अर्थ है की तापमान में हर 10 Degree Celsius परिवर्तन के लिए Resistor मान 0.1% बदलता है।
ABC X D +- E , F
Resistor Color Band Exceptions (Resistor Color Band अपवाद )
Zero – Ohm Resistors
जीरो – ओम Resistor, जिन्हे उनके सिंगल ब्लैक बैंड द्वारा आसानी से पहचान सकते हैं। मूल रूप से यह तार या जम्पर होते है, इसका मेन काम सर्किट में करंट पाथ को जोड़ना होता है।
Zero – Ohm Resistors Are identified By Their Single Black Band.
इस Resistor को Multimeter को Continuity Range से Check करने पर, Multimeter बीप देने लगता है।
बीप देना इससे Resistor Ok का पहचान होता है, यदि यह बीप ना दें तो इसे जम्पर से Replace किया जा सकता है।
Variable Resistor (वेरिएबल रेसिस्टर)
जिस Resistor की वैल्यू को हम मैन्युअली कम या ज्यादा कर सकते हैं वह Variable Resistor होता है। पुराने Radio और TV में Use होने वाले प्रीसेट इसका सबसे बेस्ट उदाहरण है।
Real Shape of Variable Resistor :–
आज के Electronics Circuit में Size के According (Resistor) रेसिस्टर के और भी कई टाइप पाए जाते हैं, जो निम्नलिखित है।
- Color Code Resistor
- SMD Resistor
- Package Resistor / Network Resistor
- Fusible Resistor
- NTC
- Variable Resistor
- LDR (Light Dependent Resistor )
1. Color Code Resistor.
इस रेसिस्टर का रेजिस्टेंस वैल्यू इसके ऊपर बने कलर कोड पर निर्भर करता है। इसी के कलर बैंड Value के लिए कलर कोड चार्ट की जरुरत पड़ती है। यह रजिस्टर एक बैंड से लेकर 6 बैंड तक कुछ भी हो सकता है।
Color Code Resistor के बारे में ऊपर विश्तार से बतलाया गया है।
2. SMD Resistor.
SMD Resistor :- (Surface Mounted Device) SMD Resistor एक टाइप का चिप रेसिस्टर है जो सर्किट बोर्ड से चिपका होता है।
- यह दिखने में काला होता है और इसके दोनों साइड सिल्वर होती है।
- इसका यूज़ मदरबोर्ड, मोबाइल And LED LCD TV में होता है।
- इसके यूज़ से डिवाइस पेचला और हल्का बनता हैं, लेकिन इसकी टॉलरेंस ° 20% तक होती है।
Real Shape of SMD Resistor.
इसकी रेजिस्टेंस वैल्यू इसके ऊपर लिखे कोड से Find होता है। जैसा की आप उदाहरण में देख रहे है।
इसकी रेजिस्टेंस वैल्यू इसके ऊपर लिखे कोड से Find होता है। जैसा की आप उदाहरण में देख रहे है।
यानी की इसका रेजिस्टेंस वैल्यू कोड से Find होता है, निचे आप और कुछ उदाहरण को देखिये।
यदि किसी SMD Resistor के उपर Z,Y,R,S से etc कुछ लिखा हो तो वह Multiplier होता है।
EIA SMD Resistor Code Scheme
Code | Multiplier |
Z | 0.001 |
Y or R | 0.01 |
X or S | 0.1 |
A | 1 |
B or H | 10 |
C | 100 |
D | 1 000 |
E | 10 000 |
F | 100 000 |
3. Package Resistor / Network Resistor :
यह Resistor दो या से ज्यादा Resistor का कॉम्बिनेशन होता है। * इसमें यूज होने वाली सभी रजिस्टर की वैल्यू (Same) बराबर होती है।
Real Shape Of Package Resistor:–
रेसिस्टर का Use TV, Mobile, LED, LCD TV And MotherBora में किया जाता है।
इसकी इंटरनल कॉम्बिनेशन Parallel में की जाती है।
Denoting Latter :- R / PR/NR/RN/RP
इस Resistor की टेस्टिंग SMD Resistor के जैसे ही की जाती है।
इस की रेजिस्टेंस वैल्यू SMD Resistor के जैसा ही होनी चाहिए, और Value सभी Pair में Equal (समान, बराबर, समकक्ष, समरूप) होनी चाहिए।
4. Fusible Resistor.
यह एक फ्यूज का ही टाइप है और इसे ज़ीरो ओम रेसिस्टर भी कहा जाता है। इसके जगह जम्पर हम लगा सकते है। इसे मल्टीमीटर के कंटीन्युटी रेंज से चेक करने पे मल्टीमीटर से बीप शो करता है।
5. NTC.( Negative Temperature Coefficient )
यह एक थर्मिस्टर है। रियल में यह एक टाइप का फ्यूज है जिसका यूज सर्किट बोर्ड में
Neutral Path में किया जाता है।
Real Shape Of NTC :–
यह फ्यूज के बग़ल में लगा होता है। इसे मल्टीमीटर से चेक करने पर बीप के साथ कुछ वैल्यू (3 to 12) आती है। और यह खराब हो जाये तो मल्टीमीटर में कुछ नहीं शो करेगा और पावर सप्लाई स्टार्ट नहीं होगा।
Note:– यदि यह खराव हो जाये तो उसकी जगह जंपर लगाया जा सकता है।
6. Variable Resistor.
जिस Resistor जिसकी वैल्यू का हम मेनुअली कम या ज्यादा कर सकते है वह Variable Resistor होता है। * इसे प्रीसेट के नाम से भी जाना जाता है। और इसकी रेजिस्टेंस वैल्यू इसके कोड पर Depend करता है।
- इसका Use पुराने (Old) पावर सप्लाई में किया जाता था। और आज के टाइम में इसका यूज नहीं किया जाता है।
- मल्टीमीटर से चेक करने पर इसकी वैल्यू कम या ज्यादा होनी चाहिए, जब इसके रोटरी को मोमेंट दिया जाए।
LDR (Light Dependent Resistor)
LDR का अर्थ है लाइट डिपेंडेंट रिसिस्टर (Light Dependent Resistor) यह मूल रूप से यह एक टाइप का सेंसर है। या फोटोरेसिस्टर है, जिसका रेसिस्टेन्स Value इसपर पड़ने वाले लाइट पे डिपेंड करता है।
Real shape of LDR:–
इस पर ज्यादा लाइट आने पर इसके रजिस्टेंस वैल्यू बढ़ जाती है और कम लाइट आने पर रजिस्टेंस वैल्यू कम हो जाती है।
Circuit Symbol of LDR :–
मल्टीमीटर से इसे चेक करने पर लाइट के अकॉर्डिंग इसकी रेजिस्टेंस वैल्यू कम या ज्यादा होता हो तो यह ओके होता है। और वैल्यू लाइट के According न हो तो यह खराब होता है।
Combination of Resistance
Resistor Combination इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के अंदर Resistor का Use बहुत ही होता है। Resistor का Use करंट को कम करने के लिए किया जाता है। सर्किट के अंदर Resistor की वैल्यू को जरूरत के अनुसार करने
के लिए Resistor को तीन प्रकार से जोड़ा जाता है। Resistor को जोड़ने की इस क्रिया को Resistor का Combination (संयोजन) कहा जाता है।
Resistor के. combination को Series combination और Parallel Combination के नाम से जाना जाता है।
Series and Parallel Combination of Resistors
1) Series Combination Of Resistance प्रतिरोधों का श्रेणी क्रम संयोजन।
2) Parallel Combination Of Resistance पर्तिरोधों का समांतर क्रम संयोजन।
रजिस्टेंस को जोड़ने की जरूरत क्यों पड़ती है।
Resistor को जोड़ने से मनमुताबिक वैल्यू प्राप्त किया जा सकता है, या फिर जब हमारे पास एक निश्चित वैल्यू की Resistor नहीं होती है, तो हम Resistor को तो रवांछित (Requirement) वैल्यू पा सकते हैं। सर्किट के
अंदर आपको हर वैल्यू के Resistor, तरह तरह से लगे हुए मिलते हैं। यह सर्किट के अंदर कुछ सीरीज रूप में कुछ पेरेलल रूप में लगे हुए होते हैं। इस पोस्ट में जानेंगे कि रजिस्टेंस को जोड़कर किस प्रकार से इच्छा अनुसार वैल्यू प्राप्त की जा सकती है।
1) Series Combination Of Resistance :
प्रतिरोधों का श्रेणी क्रम संयोजन Series Combination के अंदर जब एक Resistor के एक सिरे पर दूसरे Resistor का एक सिरा जोड़ा जाता है और दूसरे Resistor के सिरे टर्मिनल पर एक और Resistor जोड़ा जाता है तो यह Resistor का Series Combination कहलाता है।
इसमें रजिस्टेंस की वैल्यू कुछ भी हो सकती है लेकिन वाट एक समान होनी चाहिए इस तरीके से सीरीज में लगी तीनों रजिस्टेंस की वैल्यू को जोड़ दिया जाता है, तो हमें एक नई वैल्यू प्राप्त होती है।
उदाहरण के लिए: हमारे पास तीन वैल्यू की रजिस्टेंस है। पहले Resistor की वैल्यू 5 ohm है, दूसरे Resistor
की वैल्यू 10 Ohm है, और तीसरे Resistor की वैल्यू 20 Ohm है। अब अगर इन तीनो Resistor को सीरीज में जोड़ा जाए तो इनकी नई वैल्यू क्या होगी ।
Resistor सूत्र : RT = R1+R2+R3+R4+……+ Rn
इसमें RT टोटल वैल्यू को बताती है।
इस तरह से कैलकुलेट करने पर नई वैल्यू मिलता है।
2) Parallel Combination Of Resistance :
(पर्तिरोधों का समांतर क्रम संयोजन) :– जब दो या दो से ज्यादा Resistor को Parallel रूप में जोड़ा जाए तो उसकी (Resistance) रजिस्टेंस वैल्यू कम हो जाती है।